'नीम करोली बाबा' (Neem Karoli Baba) बीसवीं शताब्दी के वो महान संत जिन्हें साक्षात 'हनुमान जी' का अवतार समझा जाता था. बाबा के भक्तों में सिर्फ़ आम लोग ही नहीं, बल्कि कई बड़े सेलेब्स का नाम भी शामिल है. 'मार्क जुकरबर्ग' से लेकर 'प्रधानमंत्री मोदी' तक बाबा के भक्तों की लिस्ट में शामिल हैं. जानते हैं कि आखिर कौन थे 'नीम करोली बाबा' जिन्होंने अपने चमत्कारों से लोगों को मोह लिया था.
कहानी 'नीम करोली बाबा' की
कहा जाता है कि बाबा का जन्म 'उत्तर प्रदेश' के 'फ़िरोज़ाबाद ज़िले' में हुआ था. 17 साल की उम्र में उन्होंने आध्यत्म और ईश्वर के बारे में बहुत ज्ञान हासिल कर लिया था. बाबा बचपन से ही हनुमान जी की भक्ति में लीन रहते थे और उन्हें अपना गुरू भी मानते थे. अपनी इसी भक्ति के चलते उन्होंने 1964 में नैनीताल के भुवाली से लगभग 7 किमी की दूरी पर 'कैंची धाम आश्रम' का निर्माण कराया था. हनुमान भक्त 'नीम करोली बाबा' के चमत्कारों की चर्चा सिर्फ़ उत्तराखंड तक सीमित नहीं थी, बल्कि विदेशों में लोग उन्हें अपना गुरु मानते थे.
बनवाए थे 108 मंदिर
कहा जाता है कि बाबा हनुमान जी की उपासना भी करते थे और उन्होंने गुरु मोह में लगभग 108 मंदिरों का निर्माण भी कराया था. 'नीम करोली बाबा' को कई चमत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं, लेकिन फिर वो उनका रहन-सहन काफ़ी साधारण था. हालांकि, बाबा किसी भी भक्त को अपने पैर नहीं छूने देते थे. जो भी उनके पैर छूने चलता वो उसे हनुमान जी के पैर छूने की आज्ञा देते.
वार्षिक समारोह में होती है भीड़
हर साल जून महीने में 'कैंची धाम' में वार्षिक समारोह का आयोजन किया जाता है. इस समारोह में शामिल होने के लिये देश-विदेश के हर कोने से भक्त आते हैं. जिसमें जनता से लेकर फिल्मी, राजनीतिक और व्यापारी तक शामिल हैं.
बाबा के चमत्कार की कहानी
कहा जाता है कि एक बार भंडारे में घी की कमी पड़ गई थी. तब बाबा ने पानी मंगाकर उसे घी बना दिया था. इसके अलावा भी बहुत से ऐसे क़िस्से हैं, जिन्हें आप रिचर्ड अल्बर्ट की किताब 'मिरेकल आफ़ लव' में पढ़ सकते हैं.